Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

विराज रहै है अवध बिहारी

Bholenath sharma 29 Dec 2023 कविताएँ धार्मिक 12059 0 Hindi :: हिंदी

सब ग्रह नक्षत्र मिल , योग बनावत है। शुभ ,        पगु धार रहे ,प्रभु रघुनाथ जी शुभ ।            है तारारण हार प्रभु , जय श्री राम प्रभु          तार दियो प्रभु सबहीं को ,जो आये तेरे द्वार प्रभु ,  मंद मंद मोहिनी मुस्कान   प्रभु ,        नयन है तेरो राजीव  समान प्रभु । भूलि चूकि , क्षमा करो    प्रभु , चीहनत हो इस मूढ़ को प्रभु । ...

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: