Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पहली बार 11927 0 Hindi :: हिंदी
पहली बार जब मिला मैं उनसे आंख भी सरमाई थी सांसे थर थर कप रही थी धड़कन भी घवराई थी कहने को बहुत था उनसे पर हिमम्त ने धमकाए थे जज्बातो ने छेड़ रखा था उमंगो के तार निरलज़ मन निठल्लू सा उनसे कहने को तैयार बांहों में भीच जाने दो मुझको तू है पहला पहला प्यार