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हे नारी तू कल्याणी- में भी धर्म पग पर चलती जाओ

Bhagyashree Singh 11 Jan 2024 कविताएँ समाजिक #Woman's day special.#Like#Share 8252 0 Hindi :: हिंदी

हे नारी तुम कलयुग में भी धर्म पग पर चलती जाओ, 
कर्मो से अपने  इस जग को, तुम दिव्य स्वरूप दिखाओ  l
तुम झुको सही,पर रुको नही, यह अद्भुत दृश्य दिखाओ, 
मर्यादा में रहकर भी तुम नित विजय ध्वज लहराओ  l
संस्कारों से कुल को अपने तुम प्रेम पूर्ण कर जाओ, 
सभी भूमिकाओ में तुम अपनी गरिमा को सफल बनाओ  l
कर्तव्य निभाकर तुम अपना निस्वार्थ चरित दिखलाओ, 
सेवा कर वृद्धजनो की तुम मातृत्व छवि दिखलाओ  l
कोमल से हृदय पर तुम अपने पहरा इस तरह लगाओ, 
जो घात करे उसे कर दो क्षमा तुम सीख नई सिखलाओ l
अपने पावन मन से तुम उस अंत: करण से जुड़ जाओ, 
जो संचालक है इस जग का, उसे अपना न्याय बनाओ l
 सपनो की करके मुक्त बेड़ियाँ, बन विहग प्लवन कर जाओ, 
अपनो का सहारा बन कर तुम एक नया इतिहास रचाओ l
तुम बनकर सीता आत्म सम्मान के दीप प्रदीप्त जलाओ, 
निसंदेह बनो राधा पर मन में कृष्ण भक्ति को जगाओ l
ईश्वर से निश्छल कोई नही, माँ बाप से कर्मठ कोई नही, 
करो जीवन समर्पित तुम अपना, सत्कार में मन तर जाओ l
हे नारी तुम कलयुग में भी धर्म पग पर चलती जाओ, 
कर्मो से अपने इस जग को, तुम दिव्य स्वरूप दिखाओ l

                                   मेरी कलम से✍️
                                     भाग्यश्री सिंह

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