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अंतिम दिन बनवास का होगा रावण अंत-खुशियाँ भारत वर्ष में करते जय जय संत

संदीप कुमार सिंह 09 Nov 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है. जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे. 7494 0 Hindi :: हिंदी

#विधा:_दोहा छंद
#"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" 
अंतिम दिन वनवास का,होगा रावण अंत।
खुशियाँ भारत वर्ष में,करते जय_जय संत।।

अंतिम दिन वनवास का,आखिर जीते सत्य।
 सीता माँ का दुख गया,जो हैं दिव्य अतुल्य।।

अंतिम दिन वनवास का,सबके मुख पर राम।
अति खुश हैं भाई  भरत,दिखते आज ललाम।।

अंतिम दिन वनवास का,लंका में है शोक।
स्वागत में सब राम के,सजा दिया है लोक।।

अंतिम दिन वनवास का,मंगल मय दिन आज।
जीता सत्य असत्य पर,राम हुए सरताज।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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