Vikas Yadav 'UTSAH' 31 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक दीया विकास यादव उत्साह कविता साहित्य लाइव विकास यादव कविता विकास यादव उत्साह हिंदी काव्य 25602 1 5 Hindi :: हिंदी
शीर्षक - दीया दीया कुछ कहती नहीं दीदार उनके कह जाते, देखे हैं कुछ लोग को ऐसे जो बहाव में उनके बह जाते। दीया तो जलती ज्वाला से हवा का काम बुझा जाना, देखे हैं कुछ लोग को ऐसे अपशगुन उसे ठहरा जाना। दीया है प्रकाश की जननी वरना जग अंधियारा है, देखे हैं कुछ लोग को ऐसे जीवन ही भाग्य उतारा है। दीया बिन सारा जग सूना सूना में सपनों का खोना, दिखता नहीं उत्साह को कहीं इन महलों में एक दीया का कोना। विकास यादव 'उत्साह'
11 months ago