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मीट्टी का श्रंगार

Gayatri yadav 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम इस कविता में मीट्टी के लिये सम्मान 10304 0 Hindi :: हिंदी

छांव में धूप की
रोशनी है, उज्जलों में तेरी
गजरती है,कई रास्ता
हवाओं में रेह जाती है, नमी तेरी
इस मीट्टी के कण-कण में, धरती का श्रंगार|
हिमालय पर्वत शिखर है, रूप तेरी
सर्दी कि हल्की -सी धुप
खेतों के बगीचों में
फूलों की डोली तेरी
इस मीट्टी के कण-कण में,धरती का श्रंगार|
रूप तेरा रंग का
चादड़ तेरी अंबर की
इन फिजाओं कि मुस्कान
तेरी जमीन पर
इस मीट्टी के कण-कण में, धरती का श्रंगार|

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