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* दांत निपोरी *

akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग जीवन में हमें हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए 38443 0 Hindi :: हिंदी

* दांत निपोरी *


बड़े प्यार से कर लो भैया 
थोड़ी सी तुम दांत निपोरी।

पत्नी जब गुस्सा हो जाये
बड़ी बड़ी आंखें दिखलाए ।
खाना पानी मिल न पाए 
किचन में बर्तन चटकाए ।
कोई उपाय समझ न आए
पत्नी को फिर कौन मनाए।
स्वारी करके हाथ जोड़कर
कर लो उससे दांत निपोरी ।

रिश्तों में दरार आ जाए
कोई किसी के मन न भाए ।
कोई फोन न वाट्सएप आए
अहंकार जब आड़े आए ।
दिलों में दूरी बढ़ जाए 
आगे कुछ भी समझ न आए ।
एक दूजे से मिलने का जब 
कोई भी अवसर मिल जाए ।
मन मुटाव को भूलकर अपने
कर लो थोड़ी दांत निपोरी। 

पड़ोसी जब मन न भाए
बात खरी -खोटी हो जाए ।
औरतों की बातों में आकर
वातावरण गरम हो जाए ।
एक -दूजे का देखकर चेहरा 
भ्रकुटी देखो तन-तन जाए ।
होली का त्योहार जो आए
राग द्वेष को भूलकर अपने ।
रंग में भंग मिलाकर भैया
कर लो थोड़ी दांत निपोरी  ।।

दोस्त कभी जब लड़ भिड़ जाएं
दोस्ती में दरार आ जाए ।
मन ही मन में वो पछताएं
एक दूसरे के घर न जाएं 
अपना अपना अहम भुलाकर बचपन की बातें दुहराकर ।
एक दूजे की पोल खोलकर
कर लो थोड़ी दांत निपोरी ।।


रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर

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