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तब और अब

Ranjana sharma 30 Mar 2023 शायरी दुःखद Google 26182 0 Hindi :: हिंदी

तब और अब की हंसी में बस इतना ही फर्क है
कि पहले मुस्कुराती थी तो मुरझाए फूल 
खिल जाते थें
अब मुस्कुराती हूं तो खिले फूल मुरझा जाते हैं।
         धन्यवाद

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