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चौराहा-जीवन चौराहा था कभी इस जगह कभी उस जगह

Sandeep ghoted 19 Aug 2023 शायरी प्यार-महोब्बत चौराहा 6933 0 Hindi :: हिंदी

जीवन चौराहा था कभी इस जगह, कभी उस जगह भटकता है बहुत मन। मन की दुनिया प्रेम प्यार सब मोह है इसमें खासकर सब का बेड़ा घर का कबाड़ा समाज में इज्जत नाममात्र ही पीछा बहुत है नया आगे है  कुछ नही

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