Jyoti yadav 21 Dec 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत लगा के काला टीका नजर उतार दे 10451 0 Hindi :: हिंदी
रास्ते है अजनबी अनजान ये शहर जाऊं कहां मां कुछ तो बता दे मेरे ख्वाबों की दुनिया को अब हकीकत से सजा दे जाऊं कहां मां कुछ तो बता दे जज्बा है जुनून है कुछ कर गुजरने का वक्त है मां अब निखरने का आसमां की ऊंचाई तक जाना है हमको पथ को दिखा दे मां जाऊं कहां मां कुछ तो बता दे हौसलों में है बुलंदी सर पे ताज रख लूं चूम लूं मैं इन नन्हें से कदमों को और कामयाबी के सिढ़ीयो पांव रख दूं कुछ कायदे तूं कुछ कानून समझा दे मां जाऊं कहां मां कुछ तो बता दे मेरे चाहतों का खुबसूरत सा सवेरा हो खुशियों का सूरज अब मेरा हो हो मेरा भी अब मुकाम कोई मांगती है जिंदगी मेरी अब पहचान कोई तरकीब कोई सुझा दें जाऊं कहां मां कुछ तो बता दे जान गई मां मान गई मां मंजिल है दुर मेरी पर रास्ते है पांव तले पहुंच जाएंगे शिखर पर क्योंकि अब हैं हम चले लगा के काला टीका उतार दे नजर मेरी अब दुआ दे जाऊं कहां मां कुछ तो बता दे ज्योति यादव के कलम से ✍️ कोटिसा विक्रमपुर सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश