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पनप रहा है देश में-नूतन सत्य विचार

संदीप कुमार सिंह 06 Jun 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5679 1 5 Hindi :: हिंदी

पनप रहा है देश में,नूतन सत्य विचार।
बुद्धिकुंज का है समय,मधुर हुआ व्यवहार।।

पनप रहा है देश में,नए रूप अनुराग।
लोगों में नव मेल है,हृदय हुई है बाग।।

पनप रहा है देश में,लोगों में संतोष।
चारों धारा में खुशी,भस्म हुआ अब रोष।।

पनप रहा है देश में,नए नए विश्वास।
खुशियाँ सबके पास है,और बढ़ी मधु प्यास।।

पनप रहा है देश में,प्रतिभा कुँज अब रोज।
अव्वल लड़की है हुई,नित्य नई है खोज।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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SHAHWAJ KHAN
SHAHWAJ KHAN Saandaar

10 months ago

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