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पैसे की पहचान

Kirti singh 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक पैसे के दो रूप 89944 0 Hindi :: हिंदी

पैसा ही है जो रिश्तो को बिगाड़ता है पैसा ही रिश्ते में स्वार्थ भरता है  पैसा ही रिश्ते बनाता है।भोजन से पेट भरता है धन से ही भोजन मिलता है पैसा मन को घमंड से भरता है ,पैसा ही हर जख्म को भरता है पैसा ही हर दिल के जख्म को देता है।                        पैसा ही हर ख्वाब को पूरा करता है पैसा ही हर ख्वाब को छीनता है ,पैसा ही लेता है जान पैसा ही देता है जान क्या दूं नाम पैसे को क्या दूं स्थान।              (  Kirti singh  )

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