Samar Singh 27 Jun 2023 गीत दुःखद दर्द हमेशा अपने ही देते है। 6854 0 Hindi :: हिंदी
बहुत थी तमन्ना, बहुत थी ख्वाहिश। टूटा हूँ इस कदर कि आँसुओं की हो रही बारिश।। जो मैंने नहीं था सोचा, हरपल अपनों ने ही नोंचा। हर जख्म को खरोंचा, कभी आँसू नहीं पोंछा। जिसका रो रहा हो रोम- रोम, उसके जीने की कहाँ गुंजाइश। बहुत थी तमन्ना................।। सबने है मुँह मोड़ा, तनहा है छोड़ा। खड़ी कर रहे हैं रोड़ा, दिल को बार- बार तोड़ा। भरोसे का सिला है मिला, अब कोई नहीं फरमाइश, बहुत थी तमन्ना...............।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "