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भविष्य से खिलवाड़-ही धर्म समझतें हैं

Sunny Kumar 11 Jul 2023 कविताएँ समाजिक बीमार शिक्षक या विद्यालय 7846 0 Hindi :: हिंदी

बाल केंद्रित शिक्षा का, ढोल बजाया करतें हैं
ऊपर बैठे लोग नित,नए नियम बनाया करते हैं
विद्यालय में क्या होता, क्या कभी  खबर लेते हैं
मानसिक विकृति से ग्रसित, शिक्षक रख लेते हैं 

बात बात पे बच्चों से, उलझ जाया करतें है
लिखने नहीं हैं देते, भयभीत किया करतें हैं 
अपनी आप की कमी को, बच्चों पर थोपते है 
जब नही संभाल पाते हैं, बल का प्रयोग करते हैं 

ऐसा जब शिक्षक होंगे, तो कैसा शिक्षण होगा
स्वयं तो कुंठित हैं, बच्चा भी कुंठित होगा
वह आत्मसम्मान के लिए, कल कुछ भी कर लेगा
स्वयं को चोट पहुंचाए, या वह टूट पड़ेगा

ऊंची वेतन लेते हैं, पर काम नगन्य हैं इनका
उपस्थिति दर्ज कराना, रोजमर्रा है इनका
गरीब मजदूर का पैसा, नाहक में चटतें हैं
भविष्य से खिलवाड़, ही धर्म समझतें हैं

दायित्व है जिनके माथे, वह नही निभा पाते हैं
स्वयं के साथ हीं  में, औरों को भी ले डूबते हैं
शिक्षा बदनाम है होता, शिक्षण प्रभावित होते हैं 
कुछ चंद शिक्षक हैं ऐसे,  जो शिक्षा को डसते हैं

                             ~✍️ Sunny Kumar

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