Raj Ashok 13 May 2023 कविताएँ अन्य पंख 7013 0 Hindi :: हिंदी
उन मोतीयों की भी मालाऐ बना दों । जो यूहीं बेकार मे बिखरे है। जमीन पर इतना है। हुँनर तुम मे, अपनी मेहनत से इस बंजर पे, फूल खिला दो । नन्ही कलियों का आज तुम सौभाग्य जगा दों । उ़डने़ के ख्वाब है। चीट्टीयों के भी थोडे़ पख लगा दो। आसमान को कुछ रंगीन बना दो । बेरोजगार इन हाथों मे। लगे हाथ थोड़ा काम थमा दों। लगे ना जीवन नीरस एक ऊमीद बन्घा दो । उठो। चलो एक काँरवा से , बदले गी तकदीरे हजारों की ,अपने हौसले के दम से कमजोरों का होसला भी बढा़ दो दो दिल पे चोट, जाग जाऐ हर वोट