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हौसले बुलंद हैं हमारे।

Shakuntala Sharma 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य # हौसले बुलंद हैं# जख्मों से उभर जायेगे ।# हार# तकदीर# वक्त की मार 27983 0 Hindi :: हिंदी

मुसाफिर के चलने से रास्ते बदल जायेगे ।
आज गिरे है तो कल फिर उठ जायेगे ॥
हार के सब कुछ ' हम फिर से मुस्कायेंगे ।
मगर तुमने जो छोड़ा तो फिर हम किधर जायेगे ॥ 

गैरो की बस्ती में वफा नही  ये पल में बदल जायेगे भरोसा तो खुद कर हम मोती से निखर जायेगे। ।अपनी तकदीर पर रख यकीन" शकुना " बस।।
कांटों की चुभन को सहकर पार उतर जायेगे।। 

गम ना कर जाने वाले लौटकर आते नही दोबारा ।
हालात और वक्त की मार है। वक्त से जीत जायेगे 
 रास्ते पथरीले और तन्हाई दोनों बहुत तड़पायेगें ।
हौसले बुलंद हो तो जख्मों से भी उभर जायेंगे ॥
                            ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शकुन्तला शर्मा "

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