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समय का बदलाव- एक दिन सबका आये

Chanchal chauhan 08 Jul 2023 कहानियाँ बाल-साहित्य मेंहनत रंग लाई 5295 0 Hindi :: हिंदी

एक गरीब किसान था।उसकी पत्नी उसके दो बच्चें थे। लड़की पढ़ने में तेज थी ।लड़का कुछ कमजोर था।उसका मन पढ़ने में कम लगता था।लड़की रोज स्कूल जाती थी ।लड़का स्कूल भी रोज नहीं जाता था।उसके उसके‌ पिता उसे डांटते थे।स्कूल क्यों नहीं जाता रोज?मेरी तरह खेती ही करेगा।वह अपने पिता के साथ खेत पर जाया करता था।रास्ते‌ में उसे एक सेठ रोज मिलता था।उसके पिता उस सेठ को रोज नमस्ते करता था । परन्तु वो‌ सेठ उसकी नमस्ते नहीं लेता था। मुंह बनाकर के निकल जाता था।उसको बहुत घमंड था।गरीब आदमी को तुच्छ समझता था।लड़के को बहुत बुरा लगता था।वह नौ साल का था।उसकी बहन‌ बारह साल‌ की थी।एक दिन वह लड़का सत्तू अपने पिता के साथ कहीं बाहर रिश्तेदारी में गया। वहां पर सादी थी।वे सादी में पहुंच गए। कुछ लोग उन्हें बड़े घूरकर देख रहे थे,
उनके कपड़े पुराने थे,। साफ सुथरे थे।एक आदमी हाथ शराब का गिलास  लिये उसका मजाक उन दोनों का मजाक बना रहा था ।ना जाने  कहां  कहां से आ जाते हैं? पहनने ओढ़ने का ढ़ंग नहीं है।ये कहकर वहां से चला जाता हैं।उसकी पिता को बड़ी शर्म लगती हैं।बच्चा अपने पिता के मुंह को देख रहा था,उसका पिता नीचे को सर झूकाये हुए था। बच्चें को बड़ा दु:ख हो रहा था।उसका पिता अपने लड़के को‌ बाहार ले आया।वे दोनों बाहार चोतरे पर बैठ गये। वहां पर थोड़ी देर बाद कुछ बच्चें आये। वहां  खेल रहे थे बच्चें  का भी मन करा खेलने‌को वह उठकर उनके पास चला गया ,दो बच्चें उसपर हंसने लगे एक जो था अच्छा था उसने कहा क्यों  मजाक बना रहे हो।उससे इंग्लिश में बात कर रहे थे।वे इंग्लिश मीडियम में पढ़ें हुए थे।वो सरकारी में वे बहुत कमजोर था पढ़ने में।उसके पल्ले  कुछ नहीं पड़ रहा था।जो बच्चा अच्छा  था।उसने उसका अर्थ  उसको बताया।उस लड़के को बहुत बेइज्जती लगी वह चुपचाप जाकर अपने के पास बैठ गया ।कहने लगा पिता जी हम गरीब क्यों  हैं?,
हमारे कपड़ों के बारे में क्या-क्या  बोल रहे थे?साफ तो हैं हमारे कपड़ें ।पिता ने कहा, "बेटे अच्छे हैं महंगें  नहीं हैं।लोग तो ऐसे ही बोलते हैं।लड़के ने कहा , " पिता जी वे बच्चें मेरा मजाक बना  रहे थे। इंग्लिश में बातें कर रहे थे। मुझे कुछ समझमें नहीं आ रहा  था। हमारे स्कूल  में तो नहीं सिखाई जाती इंग्लिश ।उसके पिता ‌ने कहा बेटा सरकारी स्कूल हैं तुम्हारा।लड़ने ने कहा मुझसे सीखनी हैं मुझे मंहगे कपड़े भी पहननें हैं।उसके पिता ने कहा, "ठीक हैं मेरा एक दोस्त हैं वहां  जाना होगा तूझे इंग्लिश सीखने तू सीख भी लेगा पढ़ने में तो तेरा ध्यान  रहता नहीं है।लड़के ने कहा," नहीं  पिता जी मैं सीखूंगा ।उसके पिता ने कहा, " ठीक है बेटा,एक बात और अगर तुझे मंहगे  कपड़े पहनने हैं  तो तूझे बहुत  पढ़ना होगा।जब तू कुछ  बन जायेगा तेरी नौकरी लग जायेगी।तभी तू अमीर बनेगा। महंगें कपड़े पहनेगा।मेरे पास तो इतने पैसें नहीं हैं ।तभी लोग दावत खाने पण्डाल‌ में जाने लगे।लड़के पिता ने कहा," चल बेटा खाना खा आते फिर घर चलेंगे।लड़का कहता है, " पिता जी मेरा मन नहीं हैं फिर  कोई ना कोई मजाक बनायेगा।उसके पिता ने कहा कुछ लोग हमसे भी गरीब हैं जिनको पहनने को कपड़े नहीं हैं हमने पहन तो रखें हैं।बेटा फटे हुए नही कुछ पुराने हैं, हैं तो साफ सुथरे। दोनों खाना खाकर गांव के लिए निकल जाते हैं।लड़का घर आता हैं रोज स्कूल जाना शुरु कर देता हैं।4:30 बजे उठता हैं।आधा घंटा पढ़ता हैं। फिर दूसरा गांव  तीन किलोमीटर दूरी पर होता हैं वह रोज सुबह पांच बजे वहां इंग्लिश सीखने जाता है।रात में 11 बजे सोता हैं।ऐसे ही वो‌ मेंहनत लग्न से पढ़ता हैं वह पढ़ने बहुत तेज हो जाता हैं। इंग्लिश में परफेक्ट कोई भी गांव का बच्चा उसके आगे नहीं टिकता हैं।वह इंटर पास कर लेता हैं।पूरे कॉलेज में टॉप कर लेता हैं।उसे कॉलेज से स्कोलोशिप मिलती हैं।वह आगे की पढ़ाई करता हैं । नौकरी के फॉर्म डालता हैं।उसका नम्बर आ जाता हैं ।उसका इंटरव्यू होता हैं, उसमें पास हो जाता हैं।उसकी सरकारी नौकरी लग जाती हैं।वह पटवारी बन जाता हैं। गांव के सब लोग चौंक जाते हैं उसके माता पिता गांव में मिठाईयां बांटते हैं। गांव का जो सेठ था उसके बेटा और बहू सारा सामान लेकर  कहीं बाहार चले जाते हैं।उनके पास कुछ नहीं छोड़ते सारी जमीन बेच देते हैं।सेठ  मजदूरी करके खाता है।उसकी पत्नी वह गांव में ही रहते है‌ं ।जब सत्तू उसके पिता सेठ के घर मिठाई लेकर जाता हैं सेठ का सर झूक जाता हैं ।उसे एहसास होता है समय एक जैसा नहीं होता समय बदलता हैं।समय में बदलाव आता है।वह गरीब समझकर नमस्ते नहीं लेता‌ था।आज वो खुद गरीब बन गया।वह फिर उस गांव में जाता हैं जहां सादी में गया था।जो शराबी था वो उस गांव की नाली में पड़ा था। फटे पुराने कपड़े पहने हुए,उसकी सारी जमीन बिक गई थी शराब में।जो बच्चें उसका मजाक बना रहे थे ।वे खेतों में खेती कर रहे थे ।उनकी नौकरी ना लगी।सत्तू उसके माता पिता खुशी-खुशी रहने लगे।सत्तू का महंगें कपड़े पहनने का सपना पूरा हुआ। मेंहनत करो एक ना एक दिन मेंहनत रंग लायेगी।समय बदलेगा एक दिन सबका आयेगा।

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