Chanchal chauhan 15 Jan 2024 कविताएँ समाजिक चेहरा ,मां-बाप ,प्रेशर, काम का ,कठिन ,गुण दोष, अवसाद 25081 1 5 Hindi :: हिंदी
जब लगे की जिंदगी में काम का बहुत प्रेशर है तो देखना चेहरा अपने मां बाप का जब लगे कि जिंदगी बहुत कठिन है या कि मुझे यह ना हो पाएगा तो देखना जीवन अपने मां-बाप का जब लगे कि जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव है मंजिल के निकट जाकर भी निराशा हाथ लगे तो देखना अपने मां-बाप के नैतिक कर्म को जो हर घड़ी जीते हैं तो सिर्फ़ अपने बच्चों के लिए जिनका ध्येय सिर्फ़ अपने बच्चों की उन्नति होता है चाहे बच्चे अपने जीवन में असफल हो जाए पर मां-बाप का हर प्रयास यही कि वह असफलता से सफलता की ओर ढले व चढ़े। चंचल चौहान
3 months ago