DINESH KUMAR KEER 08 May 2023 गीत देश-प्रेम 3657 0 Hindi :: हिंदी
बॉर्डर पर तैनात में नींद ना चैन की सोती हूँ माँ बाप की गरीबी देख रात-रात भर रोती हूँ जितना कमाती हूँ पापा की दवाई में खर्च कर जाती हूँ बहन की पढ़ाई के लिए दोस्तों से उधार लाती हूँ पति, बच्चों को देखने के लिए तरस जाती हूँ साल में 1बार घर जाती हूँ और खेतों में हाथ बटाती हुँ दोस्तों से बातों-बातों में कहती रहती हूँ क्या हे फौजी की जिन्दगी बयां कर जाती हूँ उरी, पठानकोट, पुलवामा में मारी जाती हूँ मौत खड़ी रहती हे हर वक्त सामने उसका इंतजार करती रहती हूँ सरकार/नेताओंं से फिर भी कुछ नहीं चाहती हूँ देश का रक्षक हूँ अपना फर्ज निभाती हूँ एक फौजी हूँ मैं अपना स्वाभिमान बचाती हूँ "सीमा" की कलम से कला बन जाती हूँ मैं फौजी हूँ जनाब लाखों कष्टों से एक फौजी बन पाती हूँ