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माटी का शरीर

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Google 61334 2 2.5 Hindi :: हिंदी

क्यों घमंड है तुझे ऐ
       माटी का शरीर
मेरा-है-मेरा, कहता है
       कल ना जो तेरा है
कुछ भी  तो ना लाया था तूने
कुछ लेकर भी ना जाएगा
         रो के आया था
बस रुला कर जाएगा
      आते वक़्त कुछ ना था तेरे पास
       जाते वक़्त बस कुछ यादें दे जाएगा
फिर भी, क्यों घमंड है तुझे ऐ
               माटी का शरीर
आज इतरा के इतना जो चलता है
कल चार लोग ही तुझे कांधे पर अपने
              ले जाएगा
कब, कैसे, कहां, क्यों
       ईश्वर का बुलावा आ जाएगा
ऐ ना कोई जाना है ,
            और ना जान पाएगा
मोह-माया के जंजाल में 
          फंस के रह जाता है क्यों  तू?
कल तेरे-ही इस मृत शरीर को घृणा कर 
          तूझे अपने घर से भगाएगा
फिर भी,क्यों घमंड है तुझे ऐ 
           माटी का शरीर
कल तेरे पीछे कोई ना जाएगा
        अकेले तू आया था
अकेले ही जाएगा।।

Comments & Reviews

Ranjana sharma
Ranjana sharma Nice 👌

1 year ago

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Ranjana sharma
Ranjana sharma Fabulous

1 year ago

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