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RAJAT ROHIT RAJPUT 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Waiting for result 19338 0 Hindi :: हिंदी

तेरे चक्कर में वेबसाइट पर अपडेट नया हम ढूंढ रहे
जो सपने थे मेरे खुद के वो धीरे धीरे टूट रहे
कब परिणाम मिलेगा तेरा , मुझसे अपने हैं मेरे पूछ रहे
कुछ जलने वाले भी होते , वो मन ही मन में फूल रहे 
कैसे तंग करें मुझको , कुछ कारण ऐसा ढूंढ रहे
जो उड़ान भरी थी सपनों की , उससे धीरे धीरे हैं कूद रहे
हम खुद ही तेरे इंतजार में , अंदर ही अंदर टूट रहे
कब तक अब परिणाम मिलेगा , हम खुद ही खुद से पूछ रहे 
तेरे चक्कर में सपने मेरे , हैं धीरे धीरे टूट रहे 
तेरे चक्कर में वेबसाइट पर नित प्रतिदिन , अपडेट नया हम ढूंढ रहे
 
लेखक –रजत रोहित राजपूत

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