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माँ

Phool Jahan 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत 105194 0 Hindi :: हिंदी

मंजिल का पता है न ज़माने की खबर है।
हर ग़म से अन्जान हूँ वे खौफ नज़र है।
आज जो मै खडी हूँ आप सब के सामने
ये सब मेरी माँ की दुआओं का असर है।



मेरे हंसने से वो हंसती है मेरे रोने से वो रोती है
एक मां ही  मेरी मुझको नैक दुआ देती है
उसके एहसानों का बदला मे कैसे चुकाउगी
मां वो हस्ती है जिसके कदमो मै जन्नत भी पनाह लेती है





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