संदीप कुमार सिंह 19 Jul 2023 कविताएँ धार्मिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3910 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) शब्द चढ़ाने मैं आया हूं । दिल कि बात कहने आया हूं। अपना बना ले तूं रब आज _ खाली झोली लिए आया हूं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....