virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य personolity 86759 1 5 Hindi :: हिंदी
एक बार एक व्यक्ति पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलने आया। बोला,‘‘यदि आप इजाजत देे, तो मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं।’’ पंडित नेहरू ने पूछने की अनुमति दे देी। उस व्यक्ति ने कहा,‘‘आप इस उम्र में भी ताजे गुलाब की तरह स्वस्थ और आकर्षक लगते हैं, जबकि आपके ऊपर काम का बोझ ज्यादा है, पर आपको देखकर लगता है कि जैसे आप पर उम्र का कोई असर ही नहीं है।’’ यह सुनकर नेहरूजी हंसकर बोले-अरे भाई, यह तो बहुत ही सहज है। कोई व्यक्ति केवल तीन बातों पर ध्यान दे, तो वह भी हमेशा तरोताजा रह सकता है। पहली बात तो यह कि मैं बच्चों से घुल-मिल जाता हूं। बच्चों के साथ बच्चा बनकर खेलने में आनंद आता है और दिल को सुकून मिलता है। दूसरी बात, मैं कुदरत के सुंदर दृश्यों से गहरा संबंध रखता हूं। पहाड़, नदी, झरने, पक्षी, चांद, सितारे, हरे-भरे जंगल और हवाएं भी मुझे ताजा रखती हैं। तीसरी बात, ज्यादातर लोग छोटी-छोटी बातों में फंसकर तनावग्रस्त हो जाते हैं। मैं ऐसा नहीं करता। जिंदगी को लेकर मेरा नजरिया बिलकुल अलग हैं। जीवन है, तो समस्याएं भी होंगी। इसलिए सबका मुकाबला धैर्य और शांति से करें। यह जान लीजिए कि समस्याएं हमेशा रहेंगी। यदि हम उनसे डरकर तनावग्रस्त हो जाएं, तो हमारा जीवन संकटग्रस्त हो जाएगा। नेहरूजी की बात से वह सज्जन संतुष्ट हो गए। फंडा यह कि जो व्यक्ति बच्चों के समीप रहे, प्राकृतिक नजारों को देखकर आनंदित हो और समस्याएं आने पर घबराए न, वह व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है और कार्य उसे थका नहीं सकता। --00-- अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायतः एक प्राथमिक पाठशाला’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी। --00--