Rameez Raja 02 Feb 2024 कविताएँ समाजिक 6535 0 Hindi :: हिंदी
मैं कौन हूं ? था मैं ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना, रहा मैं, सब में विशेष, बन सबका मुखिया इन्हीं गुणों के बल पर, करता गया दर्प मन में मैं, कहता गया मैं ही हूं सबसे महान। अंत में जब मुझे पता चला कि आखिर हूं मैं एक मिट्टी का पुतला मानव, जो न जाने अपने को क्या क्या समझ बैठा था दर्प में मैं, एक दिन जब हो गया अपने ही अस्तित्व से पहचान, नयन से बहे दर्प की शान , तब कहने लगा मैं नहीं, वह है जो इस संसार का सृष्टि कर्ता, वह है जो इस संसार को चलाता वही है सबसे है महान, वही है सब से महान । वही है सब से महान ।