यह गर्व की बात है कि भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर अपनाया जा रहा है परन्तु आज भारतीय युवा वर्ग इससे दूर होता जा रहा है। भारतीय युवा वर्ग हर तरफ उन्नति की सीढिया चढ रहा है लेकिन अपनी संस्कृति को बहुत पीछे छोड़ दिया है । युवा वर्ग का नैतिक पतन हो रहा है और भारतीय संस्कृति का ह्रास व अपसंस्कृति का उत्थान हो रहा है। आज विदेशों से आकर भारत में विदेशियों द्वारा संस्कृति का ज्ञान प्राप्त किया जा रहा है । ऐसे में भारतीय युवाओं का अपनी ही संस्कृति से दूर हो जाना चिंता का विषय है । अतः युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए बुद्धिजीवियों खासकर शिक्षकों को आगे आना चाहिए। – – – – के ० के ० हिन्दुस्तानी, चौमूं ( जयपुर)
Sandar sir ji.. gajab words…