नवीनतम रचनाएँ
सुकून पाती हूं
कविता पेटशाली
जब, कभी जमाने से दिल नहीं मिलता,आईने से नज़र मिला लेती हूं,तब कहीं बहुत सुकून पाती हूं,बहुत सुकून पाती हूं,,।।कविता प
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जिंदगी
Shikha Govind
जिंदगी है एक मशाल
ये जलती रहे तो करती है हर पल चमत्कार
बुझते ही हो जाती है बेकार
सुख में लगती है कमाल
दुःख में तो लग
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विभव में भोर हो जाए,,।।
कविता पेटशाली
मैं ,,जीयूं इस तरह , कि विभव में भोर हो जाए,
मैं,, जीयूं इस तरह ,की कविता हर ओर हो जाए,
देश ,लिखने वाले द्वेश नहीं लिखा करत
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कर्जदार
Ranjana sharma
एक रहम दिल इंसान ने किसी अपने की मदद करना चाहा , क्योंकि वह मुसीबत में था, लेकिन उस मददगार को नहीं पता था कि उसका मदद क
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शेर
फूल गुफरान
जिंदगी मै मौहब्बत का अगर इनाम दे कोई
चाहतो को मेरी इश्क का पैगाम दे कोई।।
वो लूट ले मेरी आँखों के ख्वाब रातो को
जिं
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