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सर्द रात

Uday singh kushwah 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Google/yahoo/bing 17951 0 Hindi :: हिंदी

सर्द रात (शीर्षक)
पूनम की वह सर्द रात मीठा-मीठा 
सा-अहसास हृदय में जगाती है।
कुनकुनी-सी प्रीत की धूप 
,अहसास भर जाती है।
अनंत पसरे नभ मेंं कहीं दूर क्षितिज मेंं,
ठिठका है चाँद,चाँदनी के लिए।
तारे भी टिमटिमा रहे है,मदमस्त
प्रफुल्लित होते चाँद  को देखकर।
घनीभूत होती निशा अविरल वहती
चाँदनी की पदचाप से गुंजायमान
होकर पवन के साथ मधुर-मधुर गीत
गा रही है ।
यह सब देखकर चकोर चाँद को निहार
रहा है अलपघ।
पास वैठी चकोरी पंजों से  एक पैर उठाकर 
पर को खुजला रही है।
नक्षत्र आसमान को अद्भूत श्रृंगार से सृजित
कर मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं।
.धरती भी कहाँ पीछे रहने वाली थी,
वनस्पतियों की सुगंध से वातावरण
को मदमस्त और प्रफुल्लित कर पवन
वहा रही है।
           लेखक-  यू.एस.बरी✍️
      लश्कर,ग्वालियर,मध्यप्रदेश


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