Baba ji dikoli 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत कहानी/कविता/आलेख/शीर्षक/उत्कृष्ठ/भक्ति/शायरी/गजल/नगमा/ 7310 0 Hindi :: हिंदी
अपनों से दगा न करने की क्या खूब सजा पाई है, हमने उन्हें खोकर ये कीमत चुकाई है हमने अब तो किसी को हाल-ऐ-दिल-दिल कहने से भी हम हिच-किचाते है। दिल कहता है बयां कर दूँ पर लब्ज लड़खड़ा जाते