Shubham Kumar 30 Mar 2023 आलेख दुःखद एक सैनिक 30530 0 Hindi :: हिंदी
मैं आज अंतिम सांसे गिन रहा हूं! मेरे बगल में, मेरे साथी लहूलुहान, पड़े हैं_ बर्फीली चट्टानों से हम लोग आसपास में_ हमारी शरीर पड़ा है, पर्वतों की चोटिया_ बस अपने सर पर, एक सैनिक का, टोपी है और मेरे तन पर, सैनिक का ड्रेस है, चारों तरफ से गोलियों की, बौछार हो रही है, मेरे साथी अभी भी, दुश्मनों से युद्ध कर रहे हैं, अपनी अंतिम सांसे_ तक उनसे युद्ध करेंगे, मैंने शपथ ली थी, हर हाल में अपनी देश की मान रखूंगा_ मेरा कतरा कतरा, भारत भूमि पर, न्योछावर हो रहा है, काश मेरे शरीर में, और भी जान होती,_ तो मैं अपने देश के लिए_ अपने दुश्मनों को_ मुंह तोड़ जवाब देता, मैं फिर भी_ अपनी बंदूकें उठाने की चेष्टा कर रहा हूं_ जब तक मेरे जान में जान है_ मैं लड़ता रहूंगा_ आज मेरा जीवन, सफल हो जाएगा, कल मेरे पिताजी_ जिस रास्ते से गुजरेंगे_ लोग उन्हें सम्मान देंगे_ कल मेरी मां को लोग_ धन्यवाद कहेंगे सम्मान देंगे, कल सारा देश मेरी मौत पर मातम मनाएंगे, मेरी पत्नियां, कल रोएंगे, लेकिन मुझ पर नाज भी करेंगे, कल मेरा सपूत बड़ा होगा, वह समाज में सीना तान कर सर उठा कर चलेगा मुझे लगभग, 5 से 7 गोलियां लगी है, और मुझे जोरो की प्यास लगी है, सूर्य की किरण तप रही है, मिट्टी हमारे लहू से लाल हो चुका है हमारे पैर में 2 गोलियां लगी है, लेकिन मैं उठने की चेष्टा कर रहा हूं काश मेरा जीवन कुछ और लंबा होता फिर भी मुझे इस दर्द से, उस दर्द की चिंता है कोई मेरी भारत माता_ की तरफ आंख उठाकर, देख नहीं सकता,_ तभी ठीक मेरी निशाने पर_ कुछ दुश्मन है_ तभी मैंने उनलोगों पर गोलियों की बौछार कर दी है अब मेरे पास कोई भी दुश्मन, नहीं है.. अब मेरी मन को, बहुत ही शांति मिली है_ हमने इस युद्ध को_ जीत लिया है, b. अब मैं मर जाऊं तो भी दुख नहीं_ मैं भारत माता को, सलामी देता हूं, आज मुझे मरते वक्त , मुझ पर गर्व हो रहा है,
Mujhe likhna Achcha lagta hai, Har Sahitya live per Ham Kuchh Rachna, prakashit kar rahe hain, pah...