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Meenubaliyan 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग मेहमान का आदर 13677 0 Hindi :: हिंदी

मस्ती सी छा जाती है
ज़ब दरवाजे पर घंटी बज जाती है,
आते है मेहमान सभी ज़ब
हम खुशी मे झूम गीत गाते है,
पानी देने के बहाने उनसे केले छीन ले जाते
आज मिलेंगे चाय समोसा मुँह से लार टपकाते,
खालो बेटा लेलो बेटा हम मम्मी को देख घबराते,
फिर चुपके से खा पीकर हम आज्ञाकारी बन जाते,
मम्मी हस्ती हम मंद मंद मुस्काते
मन ही मन भगवान से कहते
ऐसे मेहमान रोज क्यों नहीं आते,
और ख़ुशी से उछल पड़ते ज़ब जाते वक्त
वो दस का नोट दे जाते,
हाय राम ऐसे मेहमान रोज क्यों नहीं आते..

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