मोती लाल साहु 23 May 2023 आलेख समाजिक मानव के हृदय में कुदरती रूप से विद्यमान हैं, आनंद- विवेक-स्पष्टता-भाव-प्यार-दया और भी- परंतु इन्हें अंकुरित से लेकर पेड़ बनने तक ताकि यह फूल-फल सकें- एक माली की तरह देखरेख करना पड़ेगा- जहां ये नहीं होते वहां स्वत: ही नफरत-ईर्ष्या-डाह-काम-क्रोध-लोभ इत्यादि पनपते रहते हैं। 7446 0 Hindi :: हिंदी
मानव के- हृदय में कुदरती रूप से- आनंद-विवेक-स्पष्टता, भाव-प्यार-दया विद्यमान हैं परंतु इन्हें- अंकुरित से लेकर, पेड़ बनने तक ताकि यह फूल-फल सकें एक माली की तरह देखरेख करना पड़ेगा जहां ये नहीं होते- वहां स्वत: ही नफरत, ईर्ष्या-डाह-काम -क्रोध लोभ इत्यादि पनपते रहते हैं -मोती