Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

//... कोरोना उपरांत...//

Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक सामाजिक 19218 0 Hindi :: हिंदी

//...कोरोना उपरांत...//


बीत रहे अब ,
दुख और भय से ,
अवसाद भरे दिन,
टूट रही है कड़ी ,
दूसरी लहर की...!

धीरे-धीरे ही सही,
फिर से रौनक लौट 
रही है मेरे शहर  की...!

बंद हुए ,
दरवाजे घर के
तंग हो गए थे 
सारे रिश्ते-नाते...!

गरीब मजदूरों की तो 
कुछ ना पूछो...बेचारे ,
क्या कमाते,क्या खाते...?

मानवता की ,
बुनियाद हिली
आखिर...
दवा कहां मिली...!

व्यवस्था के भी 
क्या कहने...?
सिलेंडर कहीं 
फटी- सिली...!

व्यवस्था की रेल ,
अब पटरी पर ,
आ रही है...!

कड़ी धूप में 
अब सावन घटा 
छा रही है...!

तीसरी लहर से 
बचना अब 
तुम्हारी परीक्षा है...!

मास्क लगाना, 
घर में रहना
यही तुम्हारी 
सच्ची दीक्षा है...।।

                     चिन्ता नेताम "मन"
                  डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: