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सुनो मेरे मित्र मेरी भी सुनो-कभी न टूटेगी यह दोस्ती हमारी

Rameez Raja 08 Feb 2024 कविताएँ समाजिक सुनो मेरे मित्र, मेरी भी सुनो 3469 0 Hindi :: हिंदी

सुनो मेरे मित्र,
तुम भी तो मेरी सुनो,

हैं ठोकरे खाईं है इस दुनिया में मैनें,
मिला है मुझे घोर अपमान सभी से,
आशा की उज्ज्वल रेखा के साथ जब आए जीवन में मेरे, भर गई दुनिया मेरी खुशियों से सारी, थी जो सूनी और खाली-खाली ।

दिया जो मेरा साथ तूने जो,
कह उठी यह दुनिया सारी, 
कैसी है अनोखी दोस्ती इनकी,
है जग में यह कितनी प्यारी, 
दोस्ती जो हमारी ।
है बहुत प्यारी ! है बहुत न्यारी !

ढूंढे बस तुझको ही मेरी आंखें ,
देख, परछाई को यूं देख मैं,
कह उठूँ जैसे मिल गया हो मुझे कोई अपना, देख जैसे कोई सच हो या हो कोई सपना ।

जब भी तू न दिखें मुझे,
बढ़ जाती है धड़कनें मेरी, 
खोजती है हर पल तुझे न जानें क्यों यह हर पल सारी ।
जब आए तू नज़र,
कह उठूं चीख-चीख कर
तुम ही तो हो मेरी परछाई प्यारे, 
तुम ही हो मेरी परछाई न्यारे ।

वादा जो किया है साथ निभाने का 
तुमने जीवन भर, 
कर लिया तुमसे रिश्ता सदा जन्मभर, 
रहेगी जब तक यह सृष्टि, 
वादा है तुमसे कभी न टूटेगी यह दोस्ती,
कभी न टूटेगी यह दोस्ती हमारी ।

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