Pradeep Kumar Maurya 28 Jun 2023 कविताएँ बाल-साहित्य Google 4324 0 Hindi :: हिंदी
बारिश की बूँदे तपक रहीं हैं, पृथ्वी को सजा रहीं हैं। धरा पर सुहानी छाया छा रहीं हैं, फूलों को खुशबू दे रहीं हैं। बादल गर्ज रहे हैं ऊँचाई से, जीवन को नई उमंग दे रहे हैं। पृथ्वी को स्नेहपूर्ण गोद में ले रहे हैं, प्रेम का संगीत बजा रहे हैं। हर बूँद एक कहानी कह रही हैं, प्रकृति की सुंदरता बता रही हैं। बच्चों के हृदय में खेल रही हैं, आंधियों से गोद लेती बचा रही हैं। बारिश की बूँदे अनमोल हैं, प्रकृति का वरदान बोल हैं। खेलते-खेलते जल की बूँदे, जीवन को नई दिशा देती हैं। जगमगाते सृजनशील जीवों को, पृथ्वी की आँचल में ले रही हैं। बारिश की बूँदे अनुभवों को बदल रही हैं, स्वर्गीय सुंदरता को प्रकट कर रही हैं। बारिश की बूँदे तपते हृदय को शीतल कर रहीं हैं, खुशियों का पर्व मना रहीं हैं। प्रकृति की गोद में विश्राम पाते हैं, बारिश की बूँदे सबको नहला रहीं हैं।