Amit Kumar prasad 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम This poem is on the base of India's Love. 15453 0 Hindi :: हिंदी
है अविचलताओं कि करूण धरा, मिट्टी आज़ादी की निशानी है! है शुज्ला, सफ्ला देश मेरा, वतन परस्ती जिसकी कहानी है!! हर ज़र्रों के एहसासों से, वतन की खुशबु महकती है! है नाज़ ये खिलता वतन मेरा, जो कल और आज मे पिछड़ी है!! जिसके नाम को लेके वीर, भारत को शहादत देते थे! संतो, ऋषियों के महा कर्म, भारत को अमर कर देते थे!! आज़ादी की इस महा समर मे, ये नाम कभी ना नम होगा! बस एक नाम बस नाम नाम, ये नाम हमेशा नमन होगा!! आज़ादी की इस अमर धरा की, धरोहर मेरा वतन होगा! आज़ादी की यें अविचलताऐं, भारत की धरा को जगा रही!! संघर्ष कर रहा कर्म यहां, हर बाधा मेहनत ठुकरा रही! है यही धरा जहां कर्म ने उठ कर, अर्जुन का हिम्मत थामा था!! इस अमर कूंज के बन वाहक, धर्म ने कर्म को धारा था! है नाम अमर विद्वता से, प्रबलता से, उज्वलता से!! है निज़ हृदय का भी यही अविराम, ये राम धरा से न खत्म होगा! बस एक नाम बस नाम नाम, ये नाम कभी न नम होगा!! जब तक रहे गुलशन मे वतन प्रेम, भारत का ही नाम नमन होगा!! भारत का ही नाम नमन होगा! ये देश मेरा अमन होगा!! है कसम हमे इस मिट्टी की, इन गुलशन और गुले गुलज़ारों की, वशूधा के अमूल नगीनों की, वसुधा के अमूल पूकारों की!! कल भी आज़ाद अब भी आज़ाद, आज़ादी उच्च गगन होगा! कलम आज़ादी को नमन करती ही रहेगी, आज़ादी को नमन कलम होगा!! बस एक नाम बस नाम नाम, ये नाम कभी ना नम होगा! इस विश्व के अमर धरोहर मे, भारत का नाम अमर होगा!! देख जाग रहा ये वतन मेरा, आज़ादी भले कहार रही! अपने अभीमानो को बना पतवार, मानवता को उद्धार रही! ! न डीगी अद्रिड़ता शम्मा के, लाखो अंधेरे फैलाने से! आज़ादी मिटी नही हिम्मत के, लाखो भय फैलाने से!! ये कल भी अमर और आज अमर, सत् ,द्वापर ,त्रेता से कल ,घोर अमर होगा! बस एक नाम बस नाम नाम, ये नाम कभी ना नम होगा!! भारत की धरा भी गुंजेगी, भारत का नाम अमन होगा! ये भारत वर्ष नमन होगा!! कवी :- अमित कुमार प्रशाद Writer :- Amit Kumar Prasad
My Self Amit Kumar Prasad S/O - Kishor Prasad D/O/B - 10-01-1996 Education - Madhyamik, H. S, B. ...