सच्ची प्रार्थना
सन्त रामदास जी जब प्रार्थना करते थे तो कभी उनके होंठ नही हिलते थे। शिष्यों ने पूछा – हम प्रार्थना करते हैं, तो होंठ हिलते हैं। आपके होंठ नहीं हिलते ? आप पत्थर की मूर्ति की तरह खडे़ हो जाते हैं। आप कहते क्या है अन्दर से? क्योंकि, अगर आप अन्दर से भी कुछ कहेंगे, …