संदीप कुमार सिंह 06 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4275 0 Hindi :: हिंदी
वृंदावन सुखधाम है, जहां अटल अभिराम। राधा रमण निवास से, कण कण है गुलफाम।। वृंदावन सुखधाम है, पावन मिर्दुल स्वभाव। प्रेम धार में मग्न सब,करते श्याम लगाव।। वृंदावन सुखधाम है, जर्रा जर्रा खास। मस्ती का आलम रहे,हृदय बसे विश्वास।। वृंदावन सुखधाम है,राधा रानी धाम। मधुसूदन का साथ है,बरसे हित का जाम।। वृंदावन सुखधाम है,बहे भक्ति की धार। माता श्यामा की कृपा,से मन हो गुलजार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....