संदीप कुमार सिंह 05 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3314 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) अड़चन बिन जिदगी नहीं, करें सामना आप। कामयाब होंगें सदा, मिले नहीं संताप।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....