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शीर्षक (आम)

SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य GOOGLE (आम) 62120 0 Hindi :: हिंदी

शीर्षक (आम)
मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर)
आम फलों का राजा है।
ये सबके मन को भाता है।
ये सबके मन को ललचाता है।
इसे खाये बिना नहीं रहा जाता है।
ये सिर्फ गर्मी में ही आता है।
आते ही ये सबके दिल पर छा जाता है।
तरह-तरह के आम है आते।
खट्टे मीठे स्वाद का अहसास कराते।
फलों में इसका राज है,
इसी लिये ये फलों का सरताज है।
डाली में है ये लगे हुवे,
गुच्छो में है सधे हुवे।
बाज़ार में इसका नाम है।
देश विदेश में मिली इसको पहचान है।
हर मौसम में आया करो,
हमको यूँ ना तुम सताया करो।

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