Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य रोने लगा है 12450 0 Hindi :: हिंदी
कुछ तो बात है मोहब्बत मे बरना प्यार के लिए ताज महल कौन बनाता है कोई तो कीडा ज़रूर दफन है सिने मे जो मोहब्बत के आग लगाता है सायद मुझे भी इश्क होने लगा है तभी तो याद कर दिल रोने लगा है एक बो हैं की समझते नही हाले दिल इधर जिंदगी तारथी से फिसलने लगा हैं चेहरा मुरझाने लगा लव्ज थर थराने लगी हैं अब परछाई मे भी उन्हे ही ढूढने लगा है