Samir Lande 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत समीर लांडे. में पतझड का मौसम हू तुम बारिश बन 88780 0 Hindi :: हिंदी
में पतझड का मौसम हू तुम बारिश बन बरस जाओ मे लिखता रहू उम्र भर , तुम कविता बन उभर आओ भले रुठे हो शब्द मेरे, तुम यु दिल की बात समझ जाओ मेरी जिंदगी है एक सफर तुम मेरी मंजिल बन जाओ . - समीर लांडे