Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

उदास क्यों- तुझे मानुष देह रे तू भाग्यवान

मोती लाल साहु 08 Mar 2024 शायरी अन्य खोज-#explore- अंदर- #within- परम प्रकाश- #devine light- आत्मज्ञान- #self knowledge- प्रेरणा- #motivation- शायरी- #poetry- मोती- #Moti 1412 0 Hindi :: हिंदी

फिरता उदास क्यों रे तू भाग्यवान,
तुझे मानुष देह रे तू भाग्यवान,

रे तू अनमोल है सृष्टि का सिरमौर है...
अंदर-ए-परम प्रकाश तू भाग्यवान!!!!
-मोती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: