Ruby Gangwar 06 Feb 2024 कविताएँ अन्य शुकून के पल, कशिश,आसमान, पुरानी यादें , 30700 0 Hindi :: हिंदी
कुछ कशिश सी है मन में, कुछ अपने शब्दों में लिखना चाहती हूं, जब बैठती हूं खुले आसमान के नीचे, बस सुकून के दो पल जीना चाहती हूं। कुछ पुरानी यादें छुपी है मन में, कुछ घटित किस्से कहना चाहती हूं, दो पल के लिए मुझे समझने वाला मिल जाए, बस अपने आपको खोलकर रखना चाहती हूं, बस अपने आप पर किताब लिखना चाहती हूं, बस सुकून के पल जीना चाहती हूं।।