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तेरा हो कल्याण-प्यार दिल में हो तेरे

संदीप कुमार सिंह 04 Oct 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 14991 0 Hindi :: हिंदी

#विधा:_रोला छंद
#"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" 
तेरा हो कल्याण,प्यार दिल में हो तेरे।
तेरे अपने कर्म,तुझे खुशियाँ हो घेरे।।
जाने सब संसार,नाम जग में कर रोशन।
करिए भला समाज,बनें लोगों का लोशन।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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