RANJIT MAHATO 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मन का सुकून mann ka sukun 19758 0 Hindi :: हिंदी
मन का सुकून कहीं बाहर नहीं मिलता , अपने अंदर खोजो वो मिल जायेगा I मन का सुकून कहीं बाहर नहीं मिलता , कर्म बदलो आपको वो मिल जायेगा I मन का सुकून कहीं बाहर नहीं मिलता , सोच बदलो आपको वो मिल जायेगा I मन का सुकून कहीं बाहर नहीं मिलता , नजर और नजरिया बदलो वो मिल जायेगा I By-Ranjit Mahato
My name is Ranjit Mahato and I am self-employed by profession. I have a passion for reading and writ...