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मेरी तुम्हारी जीत न होगी-अरमानों की भीड़ भी होगी

Sudha Chaudhary 26 Aug 2023 कविताएँ अन्य #जीत#जंगल#झंझा 13525 0 Hindi :: हिंदी

मैं तुम्हें लिखूं
तुम मुझे लिखो
मैं तुम्हें कहूं
तुम मुझे कहो
ऐसे तो जीवन
बन गया युद्ध
करते ही रहेंगे
नित यही अभ्यास
जो सोचा था
वह सूना होगा
झंझा का बस
जंगल होगा
अरमानों की भीड़ भी होगी
पर मेरी तुम्हारी जीत न होगी।

सुधा चौधरी
बस्ती

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