Baba ji dikoli 02 Jul 2023 शायरी प्यार-महोब्बत शायरी/कविता/गजल/गीत/संगीत/कवि/साहित्य/google 4965 0 Hindi :: हिंदी
आज ये मौषम इतना नम क्यों है। कहि आज फिर उसकी आँखे तो नही रोइ है। और खुले आशमा में ये काली घटा छाई है। लगता है आज उसे फिर मेरी याद में नींद नही आई है। #baba ji dikoli