संदीप कुमार सिंह 03 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5715 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) आओ सीखें कुछ नया, दें दें नव उपहार। जगत सलामत दृढ़ रहे, हर दिल में हो प्यार।। आओ सीखें कुछ नया, सारे गुण हो पास। मान मिले गुणवान को, लगते सबको खास।। आओ सीखें कुछ नया,दुनिया को दूं ज्ञान। बढ़ता अपना ज्ञान भी,और बढ़ाए मान।। आओ सीखें कुछ नया,सपना हो साकार। जीवन भर है सीखना,मन में हो उदगार।। आओ सीखें कुछ नया, बुद्धि वृद्धि कर यार। गीले शिकवे भूल कर,आपस में कर प्यार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....