AJAY ANAND 08 Apr 2023 कविताएँ दुःखद जिंदगी, खुशी दुःख, रोना, नजर अंदाज , ईर्ष्या, भेदभाव, जहर 6689 0 Hindi :: हिंदी
यूं तो जिंदगी जीए जा रहे हैं खुश हैं यहां कौन, दुःख का रोना सब रोते जा रहे हैं सब कुछ होते हुए भी, खुशियों को नजरांदाज करते जा रहे हैं अपनों से ही आगे बढ़ने की होड़ में, दुःख को गले लगाते जा रहे हैं। आखिर समझाएं कौन - किसे, ईर्ष्या , भेदभाव का जहर जो पीते जा रहे हैं..!! अजय आनंद,सुल्तानगंज भागलपुर बिहार वाट्स एप - 8309024238